कोरोना वायरस की स्वदेशी तकनीक से सस्ती जांच संभव
कोरोना वायरस की स्वदेशी तकनीक से सस्ती जांच संभव
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की जांच का बेहद सस्ता, आसान और सटीक तरीका इजाद किया है। इस तकनीक को प्रोब-फ्री-डिटेक्शन एस्से नाम दिया गया है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) इसके क्लिनिकल सैंपल पर जांच को प्रमाणित करने में जुटा है।
आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. वी रामगोपाल राव के मुताबिक, कुसुम स्कूल ऑफ बॉयोलोजिकल साइंसेज की लैब में इस तकनीक को विकसित किया गया है। इसे अनुकूल परिस्थितियों में परखा गया है और संवेदनशीलता की जांच भी की गई है। आईआईटी के वैज्ञानिकों की टीम की अगुवाई कर रहे प्रो. विवेकानंद पेरुमल ने बताया कि तुलनात्मक विश्लेषण का उपयोग कर हमने कोविड-19 में अनोखे क्षेत्रों की पहचान की है। इस तकनीक की मदद से कोविड-19 का आसानी से पता लग जाता है। वहीं, प्रो. मनोज मेनन ने बताया कि मौजूदा तरीके जांच आधारित हैं, जबकि आईआईटी की टीम ने जांच रहित तरीका इजाद किया है। इससे जांच का खर्च बेहद कम हो जाता है और प्रमाणिकता से भी समझौता नहीं होता। उनके मुताबिक, इस जांच में अधिक उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ती और यह गुणात्मक रूप से सटीक है। सरकार ने शनिवार को ही निजी अस्पताल की लैब में कोरोना वायरस जांच को अनुमति दी है। यहां जांच व स्क्रीनिंग की अधिकतम फीस 45 सौ रुपये निर्धारित की गई है। वहीं, आईआईटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके द्वारा विकसित तकनीक इससे भी सस्ती है। चूंकि यह महामारी भारत में तेजी से फैल रही है, ऐसे में जांच की इस सस्ती तकनीक से हर कोई अपनी जांच आसानी से करवा सकेगा।